ग़ज़लों के गलियारों से
“बयाज़-ए-शफ़क” के सफ़हों की शायरी को गुनगुनाया, तो दिल के तार झनझना उठे । ऐसा महसूस हुआ कि इस झंकार का सफ़र तवील और बेहद खूबसूरत है। मौसिकी की चेतना को पुनः जाग्रत करतीं इन ग़ज़लों में आज की चमक के साथ बीते कल की महक को इस तरह संजोया है कि ग़ज़लों का नायाब संगम बन गया।
जानी मानी लेखिका , कवियत्री एवं शायरा चेतना कपूर शफ़क की डायरी से निकले इस खूबसूरत एल्बम का नाम भी बयाज़ है, इससे पहले चेतना कपूर का अयोध्या राम मंदिर के पावन अनावरण के अवसर पर राम भजन बोलो राम राम राम लोगों तक आया । इसके अलावा खूबसूरत लोरी भी लोगों तक आई । जिसे लोगों से भरपूर स्नेह मिला ।
वे अपनी ग़ज़लों के साथ कविताओं एवं कहानियों पर भी बड़ी खूबसूरती से पकड़ रखने के साथ देश के बड़े मंचों के मुशायरों में भी शिरकत करती हैं।
बयाज़ एल्बम चेतना कपूर की यात्रा का खूबसूरत मोड़ है। जिसमें ग़ज़लों को अपनी मंझी आवाज़ दी है , मशहूर कलाकार अनूप जलोटा जी एवं उभरती गायिका सुहा सरकार ने।
इन ग़ज़लों के म्यूजिक संयोजक हैं , बाॅलीबुड के जाने-माने म्यूजिक डायरेक्टर बाॅबे टुटुल जी । ग़ज़लों के इस खूबसूरत कलेक्शन को लोगों तक पहुंचाने का कार्यभार लिया है, रेड -रिबन कम्पनी की अधिकारिणी लालित्या जी ने ।
एल्बम की ड्यूएट ग़ज़ल
आखिरश क्या उन्हें जनाब दूॅं मैं
बेहद खूबसूरत और युवाओं को आकर्षित करने वाला है।
जब तेरे साथ आइना देखा ग़ज़ल बीते दिनों की सौंधी खुशबू लिए सुकून देने वाली बन पड़ी है।
इनके साथ ही तीन और ग़ज़लें हैं,जो जाएके में एक दूसरे से बिल्कुल अलग और ग़ज़ल का आनंद देने वाली हैं।
लंबे समय के बाद आए ग़ज़लों का यह गुलदस्ता उम्मीद करते हैं आप सब को बेहद पसंद आएगा ।