आगरा। अवैध स्वास्थ्य इकाई और झोलाछापों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की छापेमार कार्रवाई के लिए गुरुवार को डिप्टी सीएमओ जितेंद्र लवानियां और जगपाल चाहर बाह पहुंचे। यहां जरार में एक क्लीनिक पर मरीजों को देख रहा झोलाछाप दलवीर टीम को देखकर क्लीनिक छोड़कर छत से कूदकर भाग गया। पहले तो उन्होंने सभी मरीजों का इलाज किया। उसके बाद नोटिस चस्पा किया है। वहीं, भदरौली में स्वयं को बीएमएचएस बताकर मरीजों को देख रहे पिता-पुत्र को टीम ने पकड़ लिया। वे अपने प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाए। टीम ने चिकित्सकीय कार्य पर रोक लगा दी है। गुरुवार को टीम छापेमारी के लिए जरार पहुंची थी। यहां पहली मंजिल पर एक क्लीनिक में दलवीर नामक व्यक्ति मरीजों को देख रहा था। जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी रुकी वो कुर्सी से खड़ा हो गया। टीम ऊपर की तरफ चढ़ी तो वो मरीज छोड़कर झोलाछाप छत से कूदकर भाग गया।
यहां डिप्टी सीएमओ जितेंद्र लवानिया ने सभी मरीजों को देखा। साथ ही सभी को ऐसे झोलाछापों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने क्लीनिक के बाहर नोटिस चस्पा किया है। इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे टीम भदरौली पहुंच गई। यहां निहाल सिंह क्लीनिक पर छापा मारा। यहां निहाल सिंह और उनका लड़का दिनेश मरीजों का इलाज कर रहे थे। मरीजों की संख्या काफी थी। राम दिनेश स्वयं को बीएचएमएस बता रहा था। टीम ने डिग्री देखने को मांगी, लेकिन वो नहीं दिखा सका। उन्होंने चिकित्सकीय कार्य पर रोक लगाते हुए सीएमओ कार्यालय में डिग्री पेश करने को कहा है। यहां टीम को पीछे की तरफ बड़ी मात्रा मे बायोमेडिकल बेस्ट मिला था, जिसमे आग लगाई गई थी। इसके पास में ही एसएस पैथलॉजी चल रही थी। वो टीम के आने की सूचना पर शटर बंद करके भाग गया। पैथलॉजी का रजिस्ट्रेशन नहीं था। उन्होंने नोटिस चस्पा कर दिया है।