आगरा

आधे-अधूरे काम.. नहीं बने गोदाम.. फिर भी कर दिया भुगतान.. परेशान हैं किसान..

आगरा। आधे-अधूरे काम.. नहीं बने गोदाम.. फिर भी कर दिया भुगतान.. परेशान हैं किसान.. जी, हाँ! जिला सहकारी बैंक द्वारा 22 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को गोदामों के निर्माण के लिए 20-20 लाख रुपए आवंटित किए गए थे।
नियमों के तहत गुणवत्तापूर्ण निर्माण एवं कार्य पूर्ण होने होने के बाद इस कार्य का सत्यापन करके ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाना था लेकिन बहुत सारी समितियों का गोदाम निर्माण संबंधी कार्य अधूरा छोड़कर ठेकेदारों के भाग जाने के बावजूद आधे-अधूरे निर्माण पर ही मनमानी तरीके से संबंधित अधिकारियों द्वारा उनको भुगतान कर दिया गया।एक तरफ गोदाम भी पूरे नहीं बने और दूसरी तरफ जिला सहकारी बैंक का पैसा भी फँस गया।
बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी के इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह जिला सहकारी बैंक के निदेशक वीरेंद्र सिंह से शिकायती पत्र लेकर जिलाधिकारी से मिले और उन्हें पत्र देकर उन्होंने जांच के आदेश करवाए।
उन्होंने प्रशासन से कहा है कि अधूरे काम के बावजूद भुगतान करने वाले अधिकारियों और काम बीच में छोड़कर भागने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। साथ ही, आधे-अधूरे गोदामों का पूर्ण निर्माण भी अविलंब किया जाए, ताकि किसानों की परेशानी दूर हो सके।
भदावर हाउस से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राजा अरिदमन सिंह ने बताया कि जब वे जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे, तब फतेहपुर सीकरी में एक समिति का निरीक्षण करने गये। वहां देखा कि समिति के लिए निर्माणाधीन एक गोदाम में दीवार की चुनाई भी ठीक से नहीं की गई थी। आर पार दिखाई दे रहा था तब उन्होंने तत्कालीन बैंक सचिव और सहायक निबंधक को गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए कहा और उन्हें लिखा कि कार्य पूर्ण होने पर ही सत्यापन करने के बाद इनका भुगतान किया जाए। इसके बावजूद बिना सत्यापन किये ही आधे अधूरे काम होते हुए भी मनमाने तरीके से इनका भुगतान कर दिया गया। इस संबंध में जिला सहकारी बैंक के समस्त डायरेक्टर्स ने भी जिलाधिकारी और निबंधक से इस घोटाले की जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
राजा अरिदमन ने बताया कि इस संबंध में उप निबंधक आगरा के पास भी तकनीकी जांच के आदेश आ चुके हैं। बस अब कार्यवाही होना शेष है, जो कि अधिकारियों को शीघ्र अति शीघ्र करनी चाहिए।

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