समाज के प्रति फिल्म जगत का दायित्व
लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि यहां फिल्म सिटी का निर्माण हो रहा है। आज लखनऊ में सिनेमा और साहित्य पर एक पुस्तक का विमोचन हुआ। यह पुस्तक सिनेमा और साहित्य पर व्यापक जानकारी देने वाली है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक समाज के व्यापक हित को दृष्टिगत रखते हुए लिखी गई है। समाज पर सिनेमा का बहुत
प्रभाव होता है। ऐसे में सिनेमा जगत से जुड़े लोगों को समाज के प्रति अपने दायित्व को समझना आवश्यक है। श्रेष्ठ साहित्य पर आधारित सिनेमा ही समाज को सार्थक संदेश दे सकता है। यही कारण है कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, रविन्द्र नाथ टैगोर,शरद चंद्र चट्टोपाध्याय, प्रेम चंद्र, भगवती चरण वर्मा,धर्मवीर भारती, आचार्य चतुर सेन शास्त्री,महाश्वेता देवी, चंद्रधर शर्मा गुलेरी, फणीश्वर नाथ रेणु, आरके नारायण आदि की उपन्यासों पर आधारित फिल्में कालजई हो गई है।
उन्होंने पुस्तक की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें 1995 में सिनेमा के शताब्दी वर्ष और भारत में इसके विकास का क्रमिक चित्रण किया गया। उपन्यास, कथा,पटकथा,पात्र परिवेश,भाषा संवाद, मौलिकता,कल्पना, 21वीं शताब्दी की कतिपय फिल्मों, 2001 से लेकर 2023 तक की कुछ फिल्मों की विवेचना की गई है। लखनऊप्रेस क्लब में डॉ सरिता श्रीवास्तव की पुस्तक सिनेमा और साहित्य एक दृष्टि का विमोचन राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री और महापौर सुषमा
खर्कवाल और विधान परिषद के पूर्व सदस्य विंध्यवासिनी द्वारा किया गया। इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त ने पुस्तक के लिए लेखिका डॉ सरिता श्रीवास्तव का अभिनंदन किया।