आगरा। एत्मादपुर में चार महीने की जांच में सच सामने आने पर राजस्व विभाग के हल्का धरैरा का लेखपाल अंकित शाह निलंबित हो गया है। ग्राम पंचायत धरैरा के गांव पीपरिया की महिला ने पांच जुलाई को तहसील कार्यालय आकर शिकायत दर्ज कराई कि हल्का लेखपाल महाभ्रष्ट है। उसने विरोधियों से मिलीभगत कर उसके खेत के गलत हिस्से बना दिए हैं। महिला की फरियाद पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी दिव्या सिंह ने तहसीलदार को जांच के आदेश दिए तो चार माह में तमाम ब्रेकरों को पार कर सच्चाई सामने आने से नहीं रुकी। जांच में पीड़ित महिला के आरोप सिद्ध हुए और भ्रष्ट लेखपाल को निलंबित कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखपाल ने परशुराम बनाम मोहनलाल के बंटवारे में पूर्व में निरस्त हिस्से फिर से बना दिए। मोहनलाल जिस हिस्से को जोत रहे हैं, उन्हें जानबूझकर दूसरा हिस्सा आवंटित कर दिया गया। एसडीएम के कुरे निरस्त करने के बाबजूद दोबारा कुरे बनाने में लेखपाल की संलिप्तता पाई गई। स्थलीय जांच पड़ताल में लेखपाल के अन्य करिश्माई कारनामे भी सामने आए हैं। जांच अधिकारी का कहना है कि पूरे बंटवारे में दोषी लेखपाल ने धरैरा गांव की एक कृषि भूमि को आबादी घोषित करने के लिए आए आवेदन पर न तो संबंधित खतौनी का अवलोकन किया और न विभागीय जरूरी जांच को पूर्ण करने की आवश्यकता समझी और भूमि को आबादी घोषित करने संबंधी रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है।
जांच अधिकारी तहसीलदार की आख्याओं एव अभिलेखों से यह स्पष्ट है कि लेखपाल ने प्रतिपक्षी से मिलीभगत करके गलत कुरा प्रस्तुत किए एवं धारा-80 की पत्रावली में प्रथम बार आवेदक को अनैतिक लाभ देने के पक्ष में गलत रिपोर्ट लगाई है। नायब तहसीलदार द्वारा प्रश्नचिन्हित करने पर रिपोर्ट वापस ले ली। इससे स्पष्ट है कि लेखपाल का कृत्य कर्मचारी सेवा नियमावली का उल्लंघन है। लेखपाल अंकित शाह को निलंबित कर नायब तहसीलदार (पश्चिमी) हेमन्त कुमार को जांच अधिकारी नामित
किया गया है। संगमलाल गुप्ता, उपजिलाधिकारी एत्मादपुर