आगरादेश

अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, छापेमारी करे इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए, सड़कों के किनारे ओवरलोड वाहन कतई न खड़े किए जाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में नदियों के किनारे की मिट्टी-बालू व सिल्ट का प्रयोग ईंट बनाने में करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। अभी ईंट बनाने के लिए भट्ठा मालिक उपजाऊ जमीन की मिट्टी का प्रयोग करते हैं। इससे खेतों में गड्ढे हो जाते हैं।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि नदी के कैचमेंट क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तकनीक का उपयोग करते हुए इसे सख्ती से रोका जाए। स्वीकृत खनन क्षेत्र के अंदर खनन कर रहे वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया जाए, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि खनन स्वीकृत क्षेत्र में हो रहा है या नहीं।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास पांच कालिदास मार्ग में आयोजित बैठक में बुधवार को कहा कि खनन के मामले में विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से प्रदेश में उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की वैधता की जांच के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश से एपीआइ इंटीग्रेशन किए गए हैं। जिलों में गठित टास्क फोर्स को नियमित छापेमारी करे। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2407.20 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें और वृद्धि की जाए। जिलाधिकारी व जिला खनन अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। सोनभद्र, बांदा, कौशांबी तथा महोबा में राजस्व वृद्धि की असीम संभावनाएं हैं।
कम राजस्व प्राप्त करने वाले जिलों को राजस्व बढ़ाने के अन्य उपायों पर विचार करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय स्तर पर लंबित मामलों का शीघ्र हल किया जाए। जून से अगस्त के बीच वर्ष भर की कार्ययोजना तैयार की जाए। समय से कार्ययोजना तैयार करने से सरलतापूर्वक कार्य संपन्न होंगे।
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए तेजी से प्रयास करने के निर्देश दिए। सड़कों के किनारे ओवरलोड वाहन कतई न खड़े किए जाएं।
कर चोरी व ओवरलोडिंग रोकने के लिए जिलों में 55 चेक गेट बने हैं, इन पर शीघ्र वे इन मोशन संयंत्र लगाए जाएं। ओवरलोडिंग हर हाल में जीरो प्वाइंट पर ही रोकी जाए। केंद्र सरकार के खनन मंत्रालय ने राज्य खनन सूचकांक बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएं।

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