आगरा

लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर सहित 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड, पुलिस आयुक्त ने हाईकोर्ट से मांगी माफी

आगरा। आगरा के पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को माफी मांगनी पड़ी। न्यायमूर्ति एके सिंह देशवाल ने चेतावनी देते हुए मामला निस्तारित कर दिया। हाईकोर्ट में पेश होने से पहले ही पुलिस आयुक्त ने लापरवाही बरतने में इंस्पेक्टर सदर प्रदीप कुमार के साथ चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार, डाक मुंशी व पैरोकार को निलंबित कर दिया। मधु नगर निवासी डांस अकादमी संचालक अंकित शर्मा ने वर्ष 2018 में देवरी रोड निवासी फूल विक्रेता मनोज कुमार को तीन लाख रुपये उधार दिए थे। उसने रकम लौटाने के लिए चेक दिए थे जो बाउंस हो गए। अंकित ने बताया कि मनोज कुमार के विरुद्ध वर्ष 2019 में न्यायालय में मुकदमा किया। इस मामले में न्यायालय से जारी समन व गैर जमानती वारंट सदर पुलिस ने प्रतिवादी को तामील नहीं किए।

सीपी को दिए थे निर्देश
पीड़ित ने पांच माह पहले अधिवक्ता रघुवीर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त से आख्या मांगी थी। सदर थाने की ओर से हाईकोर्ट को भेजी गई आख्या में कहा गया कि उसे समन एवं वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं। निर्देश पर स्थानीय न्यायालय ने समन एवं वारंट की सदर थाने के पैरोकार को रिसीव कराई गई प्रति हाईकोर्ट को भेजी। पुलिस द्वारा गलत आख्या भेजने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस आयुक्त को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था।

पहले पेश हुए थे अपर पुलिस आयुक्त
हाईकोर्ट की जांच में यह निकलकर आया कि पुलिस आयुक्त का हलफनामा गलत है। हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पुलिस आयुक्त को हाजिर होने का निर्देश दिया। पुलिस आयुक्त के प्रतिनिधि के रूप में पहले अपर पुलिस आयुक्त संजीव त्यागी हाईकोर्ट में पेश हुए। परंतु न्यामूर्ति एके सिंह देशवाल ने पुलिस आयुक्त को स्वयं पेश होने के निर्देश दिए। इसके बाद शुक्रवार दोपहर बाद पुलिस कमिश्नर ने हाजिर होकर बिना शर्त माफी मांगी। कहा दिगभ्रम होने के कारण ऐसा हलफनामा दाखिल किया गया। इस पर कोर्ट ने केस निस्तारित कर दिया।

पुलिस आयुक्त
चेक बाउंस के मामले में थाना सदर पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट में दिलाया झूठा हलफनामा

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