आगरा

खंदौली में बाउंड्री नहीं होने से मौत की वजह बन रहे तालाब (भाकियू-टिकैत) ने की क्षेत्र के नेताओ से अपील

आगरा। बाउंड्री नहीं होने और लापरवाही से कभी-कभी तालाब मौत की वजह बन रहे हैं। खंदौली क्षेत्र में तालाबों की संख्या काफी होने के चलते गर्मी के मौसम में हादसे होते हैं। बरसात के दिनों में पानी से लबालब भरे तालाब में फिसलने और नहाते समय भी हादसे हो जाते हैं।

गिर्राज सिंह नौहवार ने बताया की खंदौली क्षेत्र में कई ऐसे तालाब हैं, जो काफी गहरे हैं। लोग इनकी गहराई को नहीं भांप पाते और डूब जाते हैं। कुछ दिन बाद बारिश का मौसम शुरू हो जायेगा। ऐसे में तालाब पूरी तरह पानी से लबालब हो जाएंगे। ऐसे में हादसों की संभावना भी बढ़ जाएगी। बरसात के मौसम में पानी से भर जाएंगे। इन्हीं तालाब में हादसे होने की आशंका अधिक रहती है। बीके चौधरी ने बताया की क्षेत्र मे सैकडों की संख्या में तालाब हैं। अधिकांश की बाउंड्री नहीं है। अधिकांश तालाबों पर अवैध कब्जा कर उन पर घर तक बना लिए गए हैं। इन तालाबों की सफाई और चौड़ीकरण नहीं हो पा रहा है। अक्सर बच्चे इन तालाबों में नहाने या पशु को पानी पिलाने जाते हैं। वहीं गहरे पानी में जाने पर डूब जाते हैं, ऐसे तालाबों पर गहरे पानी के कोई संकेतक नहीं लगाए जाते हैं। कुछ गांवों में तालाबों का सौंदर्यकरण और सफाई का अभियान चलाया जाता है। संकेतक और बाउंड्री नहीं बनाई जाती है। इस तरह के हादसे रोकने के लिए बाउंड्री आवश्यक है।

आपको बता दें अभी हाल ही में खंदौली के गांव पैंतखेड़ा में अजय जूरैल का दो वर्षीय मासूम बेटा वैभव घर के बाहर खेल रहा था। खेलते समय वैभव घर के सामने बने तालाब में जा गिरा था। घंटो तलाश के बाद गोताखोरों को बच्चा मिल गया। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहाँ डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दीया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) से गिर्राज सिंह नौहवार,बीके चौधरी व मनीष पंडित ने बताया की अगर तालाब की चारो तरफ से बाउंड्री होती तो बच जाती मासूम की जान क्षेत्र के विधायक,ब्लॉक प्रमुख,प्रधान से निवेदन है की इस मामलो को संज्ञान में लें ताकि फिर कोई ऐसा हादशा किसी और परिवार के साथ ना हो।

बच्चों को भी करें जागरूक
बच्चों को तालाब के पास नहीं जाने के प्रति जागरूक करें। उन्हें खतरे का आभास कराएं। इतना ही नहीं, बुजुर्गों को भी तालाब के पास से रोकें। अक्सर वृद्ध भी शौच या अन्य किसी काम से तालाब पर जाते हैं। देखा गया है कि उनके पैर फिसलने से जान चली जाती है।

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