
प्रयागराज महाकुंभ की पूर्णता के अगले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेला क्षेत्र के स्वच्छता कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वच्छता कर्मियों का सम्मान किया। उनके साथ भोजन किया। यह सनातन संस्कृति के अनुरूप समरसता का संदेश था। प्रयागराज महाकुंभ में मानवता और वसुधैव कुटुंबकम् की भावभूमि दिखाई दी। भारत की इस विरासत और धरोहर का यहां प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है। सामाजिक समरसता भारत की विशेषता रही है। सेवा कार्य में कोई भेदभाव नहीं होता। दर्शन में किसी सम्प्रदाय से अलगाव को मान्यता नहीं दी गई। विविधता के बाद भी समाज एक है। भारतीय चिंतन विविधता में भी एकत्व संदेश देता है। हमारी संस्कृति का आचरण सद्भाव पर आधारित है। इस भावभूमि पर किसी अन्य पंथ के प्रति नफरत,कट्टरता या आतंक का विचार स्वतः समाप्त हो जाता है। तब वसुधैव कुटुंबकम व सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव ही जागृत होता है।