देश

राम नाम वंदना

पं रामजस त्रिपाठी "नारायण"

प्रकाशित कृति -नारायण दोहावली
कृतिकार- पं रामजस त्रिपाठी “नारायण”
वंदना खंड- राम नाम वंदना (पृष्ठ सं -१९)धारावाहिक प्रेषण

राम नाम जग सार है, राम नाम आधार।
राम नाम भव पार है, राम नाम पतवार।।

राम नाम की नाव चढ़, कौन नहीं जग पार।
इसीलिए हे नाथ! मैं, आया तेरे द्वार।।

राम नाम पारस सदृश, जिह्वा लौह विकार।
पारस परस प्रभाव से, हो स्वर्णिम संचार।।

षड्विकार खर के लिए, राम अग्नि अविकार।
राम नाम उच्चार से, खर हो जाए क्षार।।

राम नाम है मुक्ति पथ, राम नाम पथ भक्ति ।
राम नाम मेटे सकल, सांसारिक आसक्ति ॥

रघुवर नाम प्रताप से, मिट जाए भव रोग।
छट जाए माया सकल, कट जाए दुर्योग।।

रघुनंदन रघुकुल तिलक, रघुनायक रघुनाथ।
रघुवर अवध कृपाल प्रभु, रख दो सिर पर हाथ।।

हो जाऊँ भव पार मैं, साथ राम पतवार।
हे रघुवर रघुवंश मणि! निराकार साकार।।

प्रकाशन वर्ष – नवंबर २०२४
प्रकाशक- नारायण सा शा प्रकाशन दिल्ली

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button