
दुधवा। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने लखीमपुर यात्रा के दौरान पलिया के बजाज शुगर मिल गेस्ट हाउस में वन विभाग के अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने दुधवा टाइगर रिजर्व का अवलोकन किया। उन्होंने दुधवा में एक दुर्लभ दृश्य का उल्लेख किया। बताया कि टाइगर रिजर्व में एक प्राकृतिक तालाब के निकट उनकी जिप्सी रुकी थी। उसके दूसरे किनारे पर झाड़ियां थी। उधर कुछ हलचल हुई। एक मादा टाइगर झाड़ियों से निकल कर आई। वह खुद जलाशय के पास नहीं गई। चौकस निगरानी की तरह उसने आस पास देखा। जैसे जायजा ले रही हो। शायद वह यह तसल्ली करना चाहती थी कि कहीं कोई खतरा तो नहीं है। फिर वह झाड़ियों की तरफ मुड़ी। शायद कोई संदेश दिया हो। तुरंत ही उसका शिशु टाइगर झाड़ियों से बाहर आया। वह जलाशय की तरफ गया। वहां पानी पिया। वह अपनी जननी की निगरानी में थी। जो झाड़ियों के पास खड़ी उसको लगातार देख रही थी। दूर से। शायद उसे आत्मविश्वास का प्रशिक्षण भी दे रही हो। पानी पीने के बाद वह पीछे मुड़ा। कुछ कदम चल कर इत्मीनान से लेट गया। निश्चिंत और सुरक्षित होने की भाव भंगिमा। यही रहा होगा। दूर से उसकी मां देख तो रही थी। मां है तो क्या गम है।
इसके विपरीत एक नन्हें हाथी की ऐसी किस्मत नहीं। वह जंगल में अपनी मां से बिछड़ गया था। किशनपुर वन निगम के कर्मचारी उसे लेकर आए। अब अपने से बड़े एक हाथी से उसकी दोस्ती हो गई है। दोनों साथ रहते है। नन्हा हाथी भी अपनी सूंड से लोगों को आशीर्वाद देने लगा है।