
पूर्वी उत्तर प्रदेश ने दशकों तक बाढ़ और बीमारी की त्रासदी झेली थी। अब इन समस्याओं का समाधान हो रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण की अभिनव पहल शारदा नदी के चैनेलाइजेशन कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बीमारी तथा बाढ़ जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए निरन्तर आगे बढ़ रहा है। शारदा नदी के कारण उत्पन्न बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए इस नदी को चैनेलाइज किया जा रहा है। सात किलोमीटर लम्बे चैनल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे किसानों के खेत भी बचेंगे और बाढ़ से बस्ती भी बचेगी। नदी के चैनेलाइजेशन से लगभग चार सौ बाढ़ प्रभावित गांवों की ढाई लाख से अधिक की आबादी को राहत प्राप्त होगी। पहले प्रदेश सरकार को करीब पौने दो सौ करोड़ रुपये की लागत से तटबन्ध बनाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। मिट्टी के तटबन्ध से शारदा नदी के तीन लाख क्यूसेक पानी को रोकना सम्भव नहीं था। इस कार्य में अधिक धनराशि भी खर्च हो रही थी। नदी को चैनेलाइज करने में मात्र बाइस करोड़ रुपये का खर्च आएगा तथा समस्या का स्थायी समाधान भी निकलेगा। इस कार्य को दस जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्षाकाल में अब पानी पलिया, निघासन तथा लखीमपुर खीरी की ओर नहीं जाएगा। किसानों की फसल, पशु व घर बचेंगे तथा व स्वयं भी सुरक्षित होंगे। जन व धन की हानि रुकेगी। पिछले कुछ वर्षों के दौरान दशकों से लंबित दर्जनों सिंचाई परियोजनाओ को पूरा करने का अभियान चलाया गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश चालीस सालों से जापानी बुखार की त्रासदी झेल रहा था। इसका भी समाधान हो चुका है। पूर्वी उत्तर प्रदेश को पहले तक पूर्वी उत्तर प्रदेश को पिछड़ा व बीमारू माना जाता था, जहां चिकित्सा,मूलभूत व ढांचागत सुविधाओं का अभाव था। सरकार ने इन समस्याओं के समाधान का कार्य प्रारंभ किया। अनेक कल्याणकारी योजनाएं पहले से क्रियान्वित हो रही है।