आगरा। नकली, नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी के लिए आगरा देश भर में बदनाम हो चुका है। यह खेल रुकने की बजाए एक कदम और आगे बढ़ गया है। अब बाजार में बेजुबान जानवरों की दवाइयां भी नकली होने की आशंका है। जानकारी मिलने के बाद औषधि विभाग ने गुरुवार को रात तक छापेमारी को अंजाम दिया। दो फर्मों से 12 नमूने भी भरे गए हैं।
गुरुवार दोपहर करीब दो बजे औषधि विभाग की टीम ने संतसुरी मार्केट फुव्वारे पर छापा मारा। यहां दुर्गा मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया। यहां से एंटीबायोटिक और इंजेक्शन के 8 नमूने लिए गए। इसके बाद टीम अछनेरा मेडिकल स्टोर पर पहुंची। यहां से इन्हीं दवाइयों के 4 नमूने लिए गए। कुल 12 नमूनों को जांच के लिए केंद्रीय प्रयोगशाला भेजा गया है। दोनों दुकानों पर अलग-अलग बैच की दवाइयां पाई गई हैं। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि दो दवा कंपनियों की शिकायत पर टीम बनाकर कार्यवाही की गई है।
दो कंपनियों ने की थी शिकायत
औषधि विभाग से हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित फर्म हीलर्स लैब और मार्क लाइफ साइंसेज लखनऊ ने अपने उत्पादों के बाजार में नकली होने की शिकायत की थी। एक साल से दोनों फर्मों की दवा बिक्री में गिरावट भी आ रही थी। इसमें प्रमुखता से आगरा का नाम सामने आया था। इसके बाद टीम गठित करके छापेमारी को अंजाम दिया गया। कई फर्मों के संचालक दुकानों का शटर गिराकर भाग गए।
छापे में शामिल थे चार जिलों के डीआई
छापेमारी में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा और मैनपुरी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर (डीआई) भी शामिल थे। इनकी चार टीमें बनाई गई। हर टीम में दो-दो सदस्यों को रखा गया। अभी प्रमुख रूप से दो फर्मों पर ही छापेमारी की जानकारी सामने आई है। हालांकि बाजार सूत्रों की मानें तो रात आठ बजे के बाद भी टीम ने किसी गुप्त स्थान पर कुछ लोगों से पूछताछ की थी। यह लोग कौन थे, पता नहीं लगा है।