आगरादेश

बारह वफात का निकला जुलूस

आगरा ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर सुबह से ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हजरत मोहम्मद साहब की योमे पैदाइश पर मुस्लिम समाज ने अपने-अपने घरों को रोशनी से सजाया घरों में तबारक बनाकर लोगों को नबी ए करीम के नाम से बनता गया सभी लोग अपने-अपने घरों में आज के दिन सुबह फजर की नमाज के बाद कुरान खानी करते हैं जो कि इस बार भी हुई दरगाह हूं मस्जिदों एवं घरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया क्योंकि आज ही के दिन 12 रबी उल अव्वल को दो दो जहां के शहंशाह रसूले खुदा अल्लाह के महबूब हजरत जिस वक्त मां हजरत आमना के जिस्म से दुनिया में आए उसे समय आप रसूले खुदा के आने की खुशी में खुद अल्लाह तबारक ताला ने दुनिया को रोशन किया आप हजरात मोहम्मद साहब मक्का शरीफ के अंदर दुनिया में तस्वीर ले आप रसूले खुदा के आने की खुशी पूरे आलम में आज भी मनाई जाती है इसी को लेकर आगरा शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी आमद ए रसूल की खुशी मनाई जाती है इस चश्मे ईद मिलादुन नबी पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से गुरु से मोहम्मदी सुबह से लेकर शाम तक निकल जाते हैं वही रात में जगह-जगह जलसा ए सीरत उन नबी किया जाता है जिसमें आमदे रसूल के आने की कहानी शहरी एवं बाहर से आए हुए उलेमा उम्मते रसूल लल्ला को सुनते हैं शहर में सबसे पहले जुलूस ए मोहम्मदी मंटोला घाटी मामू भांजा से सुबह 11:30 बजे निकल गया जिसमें हजारों की तादाद में आशिक ए रसूल मोटरसाइकिल पर इस्लाम का झंडा लेकर चल रहे थे वहीं मैटर दोनों में काफी संख्या में आमदे रसूल की नाते सुनाई दे रही थी हजारों की तादाद में लोग हाथों में झंडा लेकर पैदल चल रहे थे इस गुरु से मोहम्मदी के बाद दूसरा जुलूस ताजगंज अड्डे से निकल गया जो की एक बहुत बड़ा जुलूस था ताजगंज से लेकर फतेहाबाद रोड होता हुआ बिजली घर मंटोला घाटी मामू भांजा टूटा हुआ नई की मंडी मीरा हुसैनी चौराहा से बोदला दरगाह कदम रसूल पर जाकर समाप्त हुआ जुलूस मोहम्मदी का स्वागत जगह-जगह मंच लगाकर मुस्लिम कर रहे थे वही नबी के नाम से लंगर भी तक्सीम किया जा रहा था इसके बाद टीला पाया चौकी हाजी सूफी बुंदन मियां की सदारत में अबुल उलाई शेख कमेटी का दिमाग बड़ी ही शानू शौकत के साथ निकल गया जुहू से मोहम्मदी में ऊंट घोड़े पर नन्हे मुन्ने बच्चे हाथों में हरे झंडे दिए हुए थे वही हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज में अपनी हाजिरी लागई वही इस जुलूस में सजी हुई झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी झांकियां में राजा ए मोहम्मद साहब अल्लाह के 99 नाम आदि आकर्षण का केंद्र बनी रही यह जरूर पाया चौकी से तिलक बाजार सब का बाजार दोबारा होता हुआ जामा मस्जिद पहुंच जो की मरकादि सीरियल कमेटी के जुलूस में जाकर मिल गया ज्यादातर शहर भर के जुलूस शाही जामा मस्जिद पर जाकर हाजी असलम कुरैशी एवं हाजी बिलाल कुरेशी के नेतृत्व वाले जुलूस में मिल जाता है वही थाना सदर क्षेत्र के बालूगंज नई बस्ती से भी दिनों से मोहम्मदी बड़ी ही शान शौकत के साथ निकल गया पाया चौकी कटरा गाड़ी वन से भी लोगों ने दिल से मोहम्मद को निकाला जो की जामा मस्जिद जाकर हाजी असलम कुरैशी व हाजी बिलाल कुरेशी के नेतृत्व वाले जुलूस में शामिल हो गया शहीद नगर लोहा मंडी से भी आमद ए रसूल की शान में जुलूस ए मोहम्मदी निकल गया वहीं शाहगंज हुई की मंडी से निसार अहमद के नेतृत्व में एक जुनून से मोहम्मदी निकल गया जो की दरगाह हजरत कदम रसूल पर जाकर समाप्त हुआ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में देर रात्रि तक जलसा ए सीरत उन नबी किया गया शहीद नगर से भी कदम रसूल तक जुलूस से मोहम्मदी निकल गया शहर की सड़कों पर हरे झंडे ही दिखाई दे रहे थे वही कर्बला क्षेत्र से भी शमी कुरैशी के नेतृत्व में जुलूस महामारी निकल गया जो की दरगाह हजरत शाह अमीर आबूलुल्लाह से शुरू होकर वजीरपुर घटिया आजम खान से हरियाली वाटिका होता हुआ सेब का बाजार दरगाह कदम रसूल पर जाकर समाप्त हुआ वही कच्ची सराय पक्की सराय से भी जिसे मोहम्मदी निकल गया घर-घर में आमदे रसूल का मिलाद शरीफ भी किया गया हॉस्पिटल रोड स्थित कामू टोला पर सैयद हुजूर अली की देखरेख में मिलाद उन नबी एवं जलसाई सीरत उन नबी किया गया दरगाह मदरसो पर भी जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया गया लोहा मंडी मडिया कतरा स्थित दरगाह हजरत अहमद शाह बाबा रहमतुल्लाही पर भी जल से का आयोजन किया गया आगरा क्लब स्थित दरगाह पर मिलाद शरीफ का आयोजन रसूले खुदा की शान में किया गया वहीं का चारागाह भी किया गया मिलाद अन नबी बुंदू खान चिश्ती साबरी ने पढ़ा तथा फातिहा का आयोजन भी किया गया वहीं दरगाह के साथ ज्यादा नशीन हाजी इमरान अली चिश्ती साबरी ने फातिहा पड़ी सरताज ए आगरा हजरत सैयदना सरकार में आ गई सिलसिले के मुरीदन में जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया वही पाया चौकी स्थित तिलक बाजार मुगल वाटिका पर कई सालों से होने वाले जलसा एशियाई नबी का आयोजन किया गया यह जलसा चौधरी अजीमुद्दीन की देखरेख में स्वर्गीय चौधरी अलीमुद्दीन के बाद किया जाता है जलसे में आगरा व बाहर से उलेमा आकर नबी ए करीम की शान अपना बयान पेश करते हैं उलेमा हजरत जलसों के माध्यम से रसूले खुदा की पैदाइश से लेकर आप रसूले खुदा की पूरी जिंदगी पर रोशनी डालते हैं और बताते हैं कि किस तरह से रसूले खुदा ने अपना जीवन रहे अल्लाह में बिताया इसके बाद लंगर भी तकसीम किया गया जलसे की व्यवस्था संभालने वालों में प्रिंस भाई गुड्डू भाई हाजी सूफी बुंदन हाजी शाहिद हाजी मोहम्मद इलियास अख्तर वारसी वहीं थाना कोतवाली स्थित तकिया वजीर शाह से भी एक जुनून से मोहम्मदी निकल गया देर रात्रि तक जलसा ए सीरत नबी का आयोजन भी तकिया वकील शाह में किया गया आगरा कैंट मुस्तफा क्वार्टर ईदगाह श्री विष्णु से मोहम्मदी निकल गया शहर का सबसे बड़ा जुलूस मोहम्मद हाजी असलम कुरैशी हाजी बिलाल कुरेशी के नेतृत्व में श्याम 6:00 बजे शाही जामा मस्जिद से निकल गया जिसमें हजारों की तादाद में आशिक रसूल जुलूस मोहम्मदी में शामिल हुए वही छिपी टोला से भी जमीन से मोहम्मदी निकल गया जो की दरगाह बोदला कदम रसूल पर जाकर समाप्त हुआ शांतिपूर्वक जिसे मोहम्मदी निकल गए संबंधित थानों का फोर्स जुलूस ए मोहम्मदी के साथ चल रहा था वही दरगाह कदम रसूल पर जुलूस का सफा पहनकर स्वागत सत्कार दरगाह के सज्जाद मशीन बाबा लाल शाह कादरी द्वारा किया गया हजारों की तादाद में महिला पुरुष बच्चे दरगाह हजरत कदम रसूल बोदला पर पहुंच कर अपनी हवेरी लगते हैं वही लंगर भी दक्षिण किया गया पुरानी इमरजेंसी स्थित मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र कटरा मदारी खान से भी जुलूस ए मोहम्मदी निकल गया जो की जामा मस्जिद पर जाकर समाप्त हो गया वहीं देर रात्रि तक कटरा मदारी खा पर जलसा ए सीरत उन नबी किया गया थाना नई की मंडी क्षेत्र में भी जगह-जगह जुलूस की आमद रही वही समूची नई की मंडी क्षेत्र में जल से भी देर रात्रि तक चले मुस्लिम युवा हाथों में हरे झंडे लिए हुजूर की आमद मरहबा के नारे लगाते चल रहे थे लग रहा था कि समूचा शहर हुजूर नबी ए करीम की आमद से सरोवर है हर सड़क पर दिल से मोहम्मदी के माध्यम से मुस्लिम समाज के लोग निकल पड़े थे वही पुरानी मंडी से लेकर बिजली घर तक जाम की स्थिति बनी रही शहर भर में मनाया गया ईद मिलादुन्नबी का जश्न

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