आगरा। दयालबाग स्थित गोशाला में गोवंश की मौत पर पुलिस ने गोशाला का संचालन करने वाली एसपीसीए संस्था के सचिव और कोषाध्यक्ष सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। नगर निगम के लिपिक गजेंद्र सिंह की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। कमिश्नर जे रविन्दर गौड ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लिपिक गजेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम ने सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ कुएल्टी टू एनिमल्स (एसपीसीए) संस्था को वर्ष 2003 में खसरा संख्या 81 जगनपुर में 9680 वर्ग गज जमीन पट्टे पर दी गई थी। इसमें बीमार, घायल पशुओं के उपचार और रखरखाव की व्यवस्था निःशुल्क करनी थी।
बता दें एसपीसीए की गौशाला में दो दिन में चार गोवंश की मौत हो चुकी है। वहीं लगभग 10 गोवंश बीमार और घायल है, जिनका इलाज चल रहा है। नगर निगम की तरफ से एसपीसीए के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। इस मामले में गौशाला सचिव समेत चार लोगों को जेल भेज दिया गया है। पट्टा निरस्त हो चुका है और जल्द ही यहां से गोवंशों को कान्हा गौशाला में शिफ्ट कर दिया जाएगा। डीएम ने शासन को पशु चिकित्साधिकारी के निलंबन की संस्तुति भी की है। गोशाला में लगभग 70 गोवंश हैं। इसी गौशाला में पीछे की तरफ एक बाड़ा था। जहां लगभग 14 गोवंश थे। जो बहुत बुरी स्थिति में थे। एक बछड़े की आंख को जानवर रात में नोंच कर खा गए थे। दूसरे गोवंश के मुंह से झाग निकल रहा था। तीन-चार गोवंश मरे पड़े थे। बाकी घायल थे, कमजोर थे। खुद उठ भी नहीं पा रहे थे।
वहां काम करने वाले लोगों ने बताया कि नगर निगम की गाड़ी यहां इन्हें छोड़ गई है। रविवार को डीएम, पुलिस कमिश्नर और नगरायुक्त ने गौशाला का निरीक्षण किया। डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी ने नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल को निर्देश दिए कि इस गौशाला का पट्टा निरस्त किया जाए। रविवार देर शाम तक गौशाला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। डीएम ने निर्देश दिए किए कि यहां से गोवंशों को नरायच की कान्हा गौशाला में शिफ्ट किया जाए। थाना न्यू आगरा के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सोमवार को संस्था के सचिव धीरेंद्र शर्मा, कोषाध्यक्ष अरविंद गांधी,कर्मचारी रामेश्वर और रंजीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। धीरेंद्र मदिया कटरा, अरविंद गांधी कमला नगर के रहने वाले हैं। चारों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से चारों को जेल भेज दिया गया है।
टेढ़ी बगिया, नरायच में स्थित कान्हा गौशाला का भी दौरा किया था। वहां की सुरक्षा किसी वीवीआईपी सेंटर जैसी थी। मोबाइल जमा करा लिए जाते हैं। आधार कार्ड से ही एंट्री मिलती है। बताया गया कि यह 150 बीघा में बनी गौशाला है, जिसमें लगभग 3 हजार गोवंश हैं। गौशाला में चक्कर काटने के बाद स्वस्थ गोवंशों के बीच में ही मरे गोवंश भी दिखे। लेकिन मोबाइल नहीं होने से रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई। दर्जनभर कर्मचारी भी वहां रहते हैं। कई गोवंश बीमार लेटे हुए थे। गोवंशों को खाने को सूखा भूसा दिया गया था।