चौकी प्रभारी के संरक्षण में बिना अनुमति के रेलवे लाइन के नाम पर खोदी जा रही थी मिट्टी, खनन माफिया हुए फरार

आगरा खनन माफियाओं की हौसले इतने बुलंद हैं कि झूठ बोलकर मिट्टी का अवैध खनन करने में लगे हुए हैं चौकी इंचार्ज के द्वारा भी झूठी जानकारी दी जा रही के उनके पास अनुमति है लेकिन जब अनुमति दिखाने की बात आई तो किसी के पास कोई अनुमति नहीं मिली उसके बाद खनन माफिया जेसीबी डंपर लेकर फरार हो गए
मामला बरहन के अहारन के पास ईसेपुर का है जहां कई दिनों से रात्रि के समय मिट्टी का अवैध खनन चल रहा था जेसीबी डंपर से दबंग खनन माफिया धरती का सीना छलनी करने में लगे हुए थे चौकी प्रभारी से जानकारी की जाती तो कहा जाता कि उनके पास अनुमति है जब कि किसी के पास कोई अनुमति नहीं थी उससे पहले भी मिट्टी का खनन किया गया तहसील एत्मादपुर के नायब तहसीलदार ने बिना अनुमति के कार्य बंद कर दिया और कहा के बिना अनुमति के कोई कार्य नहीं होगा लेकिन खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि चौकी प्रभारी की साठगांठ से फिर से काम प्रारंभ कर दिया 3 दिन तक लगातार मिट्टी का खनन होता रहा पुलिस गुमराह करती रही बीती रात जब खनन चल रहा था तब थानाध्यक्ष बरहन उदयवीर सिंह को सूचना दी गई उनके द्वारा चौकी प्रभारी से जानकारी की गई तो चौकी प्रभारी ने उनको भी गुमराह कर दिया और कहा कि उनके पास रेलवे की अनुमति बताई गई है लेकिन अनुमति किसी के पास नहीं थी जब थाना अध्यक्ष ने कहा की अनुमति है तो उनसे कागज लो लेकिन खनन माफिया कागज नहीं दे पाए और रात्रि में ही जेसीबी डंपर लेकर फरार हो गए कुछ लोगों का कहना है कि तहसील में अनुमति डाली गई है लेकिन अभी पास नहीं की गई है बिना अनुमति के ही कार्य चल रहा है कुछ प्राइवेट लोगों के यहां मिट्टी डाली गई है जिसकी कीमत एक डंपर ₹10000 हैं दबंग खनन माफिया कई बार आगरा में पुलिस वालों की हत्या भी कर चुके हैं लेकिन कुछ दिन कार्रवाई होती है उसके बाद कार्रवाई के नाम पर दिखावा होता है और फिर खनन माफिया के आगे पुलिस नस मस्तक हो जाती है अनुभूति होने ना होने की जानकारी तो अब पुलिस से ही बता सकती है लेकिन अनुभूति होती तो फिर कार्य बंद कर खनन माफिया फरार क्यों हो जाते अनुभूति होने पर रात्रि में ही कार्य क्यों होता है अगर अनुभूति होती तो दिन में भी कार्य होता।